किसान पूजे जाते है

यू ही नहीं किसान पूजे जाते है
ये प्यास पीते,और भूख खाते है
बेबसी के आसू मे आँचल भीगा
उसे हमदर्दी की धूप मे सुखाते है
जिस्म का बोझ नहीं उठता हमसे
और ये खेतो मे गठ्ठर उठाते है
करते है शाद्ध बड़ी श्रद्धा के साथ
मरने के बाद भी रिश्ता निभाते है
 

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